संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी- विकास और उनके अनुप्रयोग और दैनिक जीवन पर प्रभाव।
संदर्भ :
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की है कि उन्होंने बहुस्तरीय गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के लिए 175 बिलियन डॉलर के डिज़ाइन का चयन किया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य हवाई खतरों का मुकाबला करना है, “चाहे वे अंतरिक्ष से प्रक्षेपित किए गए हों।”
- ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी अंतरिक्ष बल के जनरल माइकल गुएटलीन को इस परियोजना का प्रभारी बनाया है।
- राष्ट्रपति ने इस परियोजना के लिए 25 बिलियन डॉलर की प्रारंभिक धनराशि की घोषणा की, जिसकी कुल अनुमानित लागत 175 बिलियन डॉलर है और जिसे उनके मौजूदा कार्यकाल के अंत तक, अथार्त 2029 तक पूरा किया जाना है।
द गोल्डन डोम
- गोल्डन डोम एक बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली है जो “भूमि, समुद्र और अंतरिक्ष में अंतरिक्ष-आधारित सेंसर और इंटरसेप्टर सहित अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को तैनात करेगी।”
- यह योजना आयरन डोम मॉडल पर आधारित है, जो इज़राइल जैसे देश की रक्षा करता है — एक ऐसा भूभाग जो वैंकूवर द्वीप से भी छोटा है। इसका उद्देश्य इस प्रणाली को कहीं अधिक शक्तिशाली बनाना है, ताकि यह सैकड़ों गुना बड़े क्षेत्र की सुरक्षा कर सके।
गोल्डन डोम की मुख्य विशेषताएं
- अंतरिक्ष-आधारित इंटरसेप्टर:
- यह प्रणाली पृथ्वी की कक्षा में हजारों छोटे उपग्रहों को शामिल करेगी।
- ये उपग्रह प्रक्षेपण के कुछ ही क्षणों बाद शत्रु की मिसाइलों का पता लगा लेंगे और उन्हें रोक लेंगे।
- यह सक्रिय रक्षा मंच के रूप में अंतरिक्ष की ओर बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है ।
- मौजूदा प्रौद्योगिकियों के साथ तुलना:
- यह इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित है , लेकिन कहीं अधिक महत्वाकांक्षी है।
- आयरन डोम : रडार युक्त जमीन आधारित, कम दूरी की इंटरसेप्टर प्रणाली; जिसका उपयोग मुख्यतः हमास और हिजबुल्लाह के खतरों के विरुद्ध किया जाता है।
- गोल्डन डोम : इसका उद्देश्य अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके लंबी दूरी के खतरों (ICBMs) के विरूद्ध विशाल अमेरिकी क्षेत्र की रक्षा करना है ।
तकनीकी एवं रणनीतिक पृष्ठभूमि
- ऐतिहासिक मिसालें:
- यह अवधारणा नई नहीं है – शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा इसी प्रकार की प्रणालियों की कल्पना की गई थी।
- यह रोनाल्ड रीगन की “स्टार वार्स” पहल (रणनीतिक रक्षा पहल, 1980) से मेल खाता है।
- अमेरिकी रक्षा आवश्यकताएँ:
- अमेरिका को संभावित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जो उपकक्षीय प्रक्षेप पथों का अनुसरण करते हैं और हाइपरसोनिक गति से पुनः प्रवेश करते हैं, जिससे उपग्रह ट्रैकिंग और अवरोधन एक तार्किक आवश्यकता बन जाती है।
- ऐसे लम्बी दूरी के, तेज गति वाले खतरों के लिए केवल जमीन आधारित प्रणालियाँ अपर्याप्त हैं।
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