विश्व का सबसे बड़ा वनोन्मूलन

The world’s largest deforestation


संदर्भ: 

इंडोनेशिया खाद्य सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए एकल कृषि (मोनोकल्चर) को बढ़ावा देने के लिए विश्व के सबसे बड़े वनोन्मूलन को क्रियान्वित करने की योजना बना रहा है।

अन्य संबंधित जानकारी 

इंडोनेशिया ने गन्ने से प्राप्त बायोएथेनॉल, धान और अन्य खाद्य फसलों का उत्पादन करने के लिए बेल्जियम (30,688 वर्ग किमी) के आकार के लगभग वन भूमि को साफ़ करने की योजना बनाई है। 

  • बायोएथेनॉल एक तरल जैव/नवीकरणीय ईंधन है जो गन्ना, मक्का, सोयाबीन, गेहूं के भूसे, लकड़ी की छाल और हाल ही में माइक्रोएल्गी से बनाया जाता है। इसे ABE (एसीटोन-ब्यूटानॉल-इथेनॉल) किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित किया जाता हैं।  

यह दशकों से देश की खाद्य सुरक्षा में सुधार के लिए विशाल बागानों, खाद्य संपदाओं का निर्माण कर रहा है।  

वर्तमान में इसने ऐसे परियोजनाओं का विस्तार करके बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए फसलों को शामिल किया है, ताकि इंडोनेशिया अपनी ऊर्जा मिश्रण को सुधारने और अधिक नवीकरणीय स्रोतों का विकास करने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा कर सके।

इसकी व्यापक कृषि भूमि के कारण बायोएथेनॉल उत्पादन की अपार संभावनाएँ है लेकिन वर्तमान में गन्ना और कसावा जैसे टिकाऊ फीडस्टॉक की कमी है।

परियोजना का प्रभाव

  • इंडोनेशिया विश्व का तीसरा सबसे बड़े वर्षावन (ब्राजील और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बाद) वाला क्षेत्र है और कई संकटग्रस्त प्रजातियों, जिनमें ओरंगुटान, हाथी और विशाल वन फूल शामिल हैं,जो  इस नियोजित वनोन्मूलन के कारण खतरे में पड़ सकते हैं।
  • एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी का अनुमान है कि परियोजना के लिए भूमि साफ़ करने से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कुल 315 मिलियन टन CO2 समकक्ष होगा।
  • इससे स्वदेशी समूह विस्थापित होंगे जो शिकार, मछली पकड़ने और उनकी सांस्कृतिक पहचान के अन्य पहलुओं के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं।
  • हालाँकि पुनर्वनीकरण की योजनाएँ हैं, लेकिन ये पुराने वन पारिस्थितिकी तंत्रों के पर्यावरणीय लाभों का प्रतिस्थापन नहीं कर सकतीं, जो अपनी मृदा और जैविक पदार्थों में भारी मात्रा में कार्बन संचित करते हैं, जल चक्र को संतुलित करते हैं और जैव विविधता का संरक्षण करते हैं।
  • ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार, 1950 से, 74 मिलियन हेक्टेयर (285,715 वर्ग मील) से अधिक इंडोनेशियाई वर्षावन (जर्मनी के आकार से दोगुना क्षेत्र) को पाम तेल, कागज और रबर के बागानों, निकल खनन और अन्य वस्तुओं के विकास के लिए काटा, जलाया या नष्ट किया गया है।

भारत की वन स्थिति 

भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR) 2023 के अनुसार, कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है।

कुल वन आवरण 21.76% है जबकि वृक्ष आवरण देश के भौगोलिक क्षेत्र (GA) का 3.41% है। 

  • वन आवरण से तात्पर्य एक हेक्टेयर से अधिक या उसके बराबर की सभी भूमि से है, जिसमें स्वामित्व और कानूनी स्थिति के बावजूद 10% से अधिक या उसके बराबर वृक्ष वितान(कैनोपी) है; और इसमें बाग, बांस और ताड़ के पेड़ शामिल हैं।

ISFR 2023 के अनुसार, वर्तमान आकलन से स्पष्ट है कि 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भौगोलिक क्षेत्र का 33% से अधिक वन आवरण के अंतर्गत है।

इनमें से केवल आठ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर में 75% से अधिक वन आवरण है।

सबसे बड़े वन और वृक्ष आवरण वाले राज्य: 

  • क्षेत्रफल के अनुसार: मध्य प्रदेश > अरुणाचल प्रदेश > महाराष्ट्र।
  • प्रतिशतता के अनुसार: लक्षद्वीप > मिजोरम > अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

सबसे बड़े वन आवरण वाले राज्य: 

  • क्षेत्रफल के अनुसार: मध्य प्रदेश > अरुणाचल प्रदेश > छत्तीसगढ़।
  • प्रतिशतता के अनुसार: लक्षद्वीप > मिजोरम > अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

सबसे बड़े वृक्ष आवरण वाले राज्य: 

  • क्षेत्रफल के अनुसार: महाराष्ट्र > राजस्थान > उत्तर प्रदेश।
  • प्रतिशतता के अनुसार: चंडीगढ़>दिल्ली>केरल

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