संदर्भ:
नोएडा के राजकीय महाविद्यालय (सेक्टर-39, नोएडा) में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शिशुपाल सिंह द्वारा विकसित एक उपकरण का पेटेंट कराया गया है।
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- यह उपकरण चोरी हुए वाहनों को ट्रैक करना आसान बनाने के लिए बनाया गया है।
- इसमें वाहन के विभिन्न भागों में कई चिप्स लगे होते हैं, जिससे वाहन के किसी अन्य भाग में इस्तेमाल होने पर भी उसे ट्रैक किया जा सकता है।
- सिस्टम फार प्रिर्वेटिंग थेफ्ट आफ व्हीकल नामक यह उपकरण विशेष रूप से कोडित चिप्स का उपयोग करता है, जिससे वाहन या उसके भागों को कहीं और इस्तेमाल किए जाने पर पहचाना जा सकता है।
- उपकरण की विशेषताएं:
- इस उपकरण में तीन वायरलेस चिप्स और एक नियंत्रक होता है।
- चिप्स वाहन के चेसिस, इंजन और नंबर प्लेट पर लगाए जाते हैं।
- चिप्स मुख्य नियंत्रक से जुड़े होते हैं।
- यह उपकरण फास्ट-ट्रैक रीडर की तरह ही काम करता है और पुलिस को चिप्स की पुष्टि करके चोरी हुए वाहनों या भागों की पहचान करने की अनुमति देता है।
- भारत सरकार ने इस उपकरण के लिए अनुदान और पेटेंट दोनों प्रदान किए हैं, जिसके बाजार में आने के बाद इसकी कीमत सस्ती होने की उम्मीद है, और व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने पर इसकी कीमतें कम होने की संभावना है।
- राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, देश में सबसे अधिक वाहन चोरी दिल्ली में होती हैं।

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