इलेक्ट्रिक इंजन के 100 गौरवशाली वर्ष

 

100 Glorious Years of Electric Engines

सन्दर्भ:

रेलवे के इलेक्ट्रिक इंजन के उपयोग के 100 गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर कानपुर के फजलगंज स्थित लोको शेड में और बेहतरी का संकल्प लिया गया।

  • रेलवे को मजबूत बनाने का संदेश देने के लिए ट्रेन के इंजन पर 100 वर्ष पूरे होने के स्टिकर लगाए गए, साथ ही भविष्य में निर्माण, मरम्मत और इंजन क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की गई।
  • भारत की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 3 फरवरी, 1925 को CSMT (तत्कालीन विक्टोरिया टर्मिनस) और कुर्ला के बीच 1500 वोल्ट डीसी का उपयोग करते हुए 16 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए चली थी।
  • भारत 2025 में  इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की 100वीं वर्षगांठ है, इसलिए देश अपने ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण करने के लिए भी तैयार है।
  • दक्षिण भारतीय रेलवे ने 1500V डीसी प्रणाली का उपयोग करके मद्रास बीच (अब चेन्नई) से ताम्बरम तक अपने उपनगरीय नेटवर्क का विद्युतीकरण किया, जो 1931 तक पूरा हो गया। यह खंड भारत में विद्युतीकृत कुछ मीटर गेज लाइनों में से एक है।

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